Banki Dam Ambikapur
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बांकी डैम अंबिकापुर का खूबसूरत पिकनिक स्पॉट | Banki Dam Ambikapur – Amazing Picnic Spot

बांकी डैम अम्बिकापुर (Banki Dam Ambikapur) : अंबिकापुर की जीवन रेखा

छत्तीसगढ़ का सरगुजा क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता, घने जंगलों और खनिज संपदा के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र के हृदय में, अंबिकापुर शहर के निकट, एक ऐसा जलाशय स्थित है जो न केवल स्थानीय आबादी के लिए पीने के पानी का मुख्य स्रोत है, बल्कि एक शांत और मनोरम पर्यटन स्थल भी है। इस जलाशय का नाम है – बांकी डैम (Banki Dam Ambikapur)।

यह सिर्फ एक जलाशय नहीं है बल्कि अंबिकापुर की जीवन रेखा कहना भी गलत नहीं होगा। यह डैम अंबिकापुर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की प्यास बुझाता है, कृषि को सहारा देता है, और अपने चारों ओर हरे-भरे परिदृश्य के साथ एक अद्भुत सुकून का अनुभव कराता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम बांकी डैम के इतिहास, इसके पर्यावरणीय और सामाजिक महत्व, जल गुणवत्ता, और एक शानदार पिकनिक या यात्रा स्थल के रूप में इसके आकर्षण की गहराई से पड़ताल करेंगे।

बांकी डैम: कहाँ स्थित है और इसका महत्व क्या है?

बांकी डैम, जिसे बांकी जलाशय (Banki Reservoir) के नाम से भी जाना जाता है, अंबिकापुर शहर से लगभग 10- 12 किलोमीटर दूर स्थित है। अंबिकापुर के महामाया मंदिर से इसकी दूरी लगभग 6-7 किलोमीटर है।

भौगोलिक और सामाजिक महत्व

यह डैम छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में स्थित है, जहां की जलवायु और भू-भाग इसे जल संचय के लिए आदर्श बनाते हैं। बांकी डैम का निर्माण मुख्यतः पेयजल आपूर्ति (Drinking Water Supply) के उद्देश्य से किया गया था।

  • अंबिकापुर की प्यास (Ambikapur water supply): यह अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र के एक बड़े हिस्से को पानी उपलब्ध कराता है, खासकर गर्मी के महीनों में, जब अन्य स्थानीय जलस्रोत सूखने लगते हैं। इसे अंबिकापुर का ‘जीवन-जल’ कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा।
  • कृषि का आधार: आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि गतिविधियों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण स्रोत है, हालांकि इसका प्राथमिक उपयोग पेयजल ही है।
  • पर्यावरणीय भूमिका: जलाशय प्रवासी और स्थानीय पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास प्रदान करता है, जिससे यह क्षेत्र जैव विविधता की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बन जाता है।

इतिहास की एक झलक

  • बांकी डैम का निर्माण आज़ादी के बाद के वर्षों में इस क्षेत्र में बढ़ती आबादी और पेयजल की मांग को पूरा करने के लिए किया गया था। हालांकि इसका ऐतिहासिक महत्व किसी प्राचीन किले या मंदिर जैसा नहीं है, लेकिन इसकी भूमिका एक आधुनिक ‘जल-मंदिर’ की है जिसने दशकों से इस क्षेत्र को पोषित किया है। इसका निर्माण स्थानीय जल संसाधन विभाग द्वारा इस क्षेत्र के वर्षा जल को संग्रहीत करने के लिए किया गया था, जो आज भी Ambikapur water supply की अपनी सेवा जारी रखे हुए है।

बांकी डैम की जल गुणवत्ता: एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण

किसी भी पेयजल स्रोत की गुणवत्ता अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। बांकी डैम का जल न केवल स्वच्छ है, बल्कि कई अध्ययनों में इसकी गुणवत्ता को उत्तम पाया गया है।

  • पीएच और खनिज संतुलन: विभिन्न वैज्ञानिक विश्लेषणों के अनुसार, बांकी डैम के पानी का पीएच स्तर सामान्यतः पीने के लिए सुरक्षित सीमा में पाया गया है।
  • कम टीडीएस (TDS): पानी में घुलित ठोस पदार्थों (Total Dissolved Solids – TDS) की मात्रा कम होना इसे नरम (Soft Water) और उपभोग के लिए उपयुक्त बनाता है। यह दर्शाता है कि इसमें औद्योगिक या अत्यधिक घरेलू कचरे का मिश्रण कम है।
  • कृषि उपयोग: पानी में क्लोरीन और सल्फेट जैसे तत्वों का स्तर भी निर्धारित मानकों से नीचे पाया गया है, जो इसे कृषि और घरेलू दोनों उपयोगों के लिए उपयुक्त बनाता है।

💡नोट: हाल के वर्षों में कम वर्षा के कारण जलस्तर में कमी और सूखे की खबरें चिंताजनक रही हैं। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि हमें जल संरक्षण और इस जलाशय के प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

बांकी जलाशय: पहाड़ों के बीच बना एक सुन्दर जलाशय

बांकी डैम का निर्माण 1984 में हुआ था — यह एक अर्थ (earthen) बांध है।

  • इसकी जल भंडारण क्षमता लगभग 17.00 एमसीएम (Million Cubic Metres) है, और इसका कुल कैचमेंट एरिया लगभग 37.12 वर्ग किलोमीटर है।
  • बांध की लंबाई लगभग 1134 मीटर है, तथा इसकी ऊँचाई लगभग 32.4 मीटर।
  • यह कोई नदी बाँध नहीं है — बल्कि, पहाड़ों के बीच ऐसा जलाशय है जहाँ बारिश का पानी जमा होता है।
  • इस जलाशय का निर्माण अम्बिकापुर की पेयजल (Ambikapur water supply) तथा सिंचाई संबंधी जरूरतों के लिए किया गया था।

बांकी डैम पिकनिक स्थल: एक अद्भुत पर्यटन और पिकनिक स्थल (Ambikapur Picnic Spot)

बांकी डैम सिर्फ एक उपयोगितावादी ढांचा नहीं है। अपने शांत और हरे-भरे परिवेश, जल की शांति और नज़दीकी पहाड़ी दृश्यों के कारण बांकी डैम पिकनिक व घूमने की एक लोकप्रिय जगह (Ambikapur Picnic Spot) बन चुका है। स्थानीय लोग और पर्यटक अक्सर यहाँ आते हैं — परिवार, दोस्तों या प्रकृति प्रेमियों के लिए।

यह जगह — शहरी भागदौड़ से दूर — आपको सुकून, पानी की ठंडक और प्रकृति की गोद देती है। जलाशय के किनारे बैठना, पानी में शाम की सुंदरता देखना, हल्की हवाओं में विश्राम करना — बांकी डैम पिकनिक स्थल (Ambikapur Picnic Spot) की यही खूबसूरती है।

प्रकृति की शांति और सुकून

डैम का व्यू पॉइंट एक शांत और सुरम्य स्थान है। इसके चारों ओर हरे-भरे जंगल और पहाड़ियों का नज़ारा, विशेष रूप से मानसून के बाद, अद्भुत होता है।

  • सूर्योदय और सूर्यास्त: यहाँ का सूर्योदय (Sunrise) और सूर्यास्त (Sunset) देखना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है। जलाशय के शांत पानी पर जब डूबते या उगते सूरज की किरणें पड़ती हैं, तो पूरा परिदृश्य सोने की तरह चमक उठता है।
  • फोटोग्राफी के लिए स्वर्ग: प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए, यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं है। शांत पानी, पक्षी और आसपास की हरियाली एकदम सही फ्रेम बनाती है।
  • परिवार के लिए पिकनिक स्थल : स्थानीय लोग अक्सर सप्ताहांत और छुट्टियों में परिवार और दोस्तों के साथ यहां पिकनिक मनाने आते हैं। यह शहर की भागदौड़ से दूर, प्रकृति की गोद में कुछ पल बिताने का एक आदर्श स्थान है।

जल संकट और बांकी डैम: एक चेतावनी

हाल के वर्षों में, ग्लोबल वार्मिंग और अनियमित वर्षा के कारण बांकी डैम के जलस्तर में भारी गिरावट देखी गई है। यह एक गंभीर मुद्दा है जिसने न केवल अंबिकापुर नगर निगम को, बल्कि पूरे सरगुजा क्षेत्र को चिंतित किया है।

  • डेड लेवल पर पानी: कई बार यह डैम जलस्तर के न्यूनतम स्तर (Dead Level) के करीब पहुंच गया है, जिससे शहर में पेयजल संकट का खतरा मंडराया है।
  • प्रशासनिक चुनौतियां: जल संकट के दौरान, नगर निगम को पानी की आपूर्ति को नियंत्रित करना पड़ा है, और वैकल्पिक स्रोतों, जैसे बोरवेल और टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ा है।
  • जल संरक्षण की आवश्यकता: बांकी डैम का सूखना हमें एक कड़ा संदेश देता है कि जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) और पानी की बर्बादी को रोकना अब एक आवश्यकता नहीं, बल्कि अनिवार्य ज़रूरत बन गई है।

बांकी डैम की यात्रा कैसे करें? (Travel Guide)

घूमने का सबसे अच्छा समय

अक्टूबर से मार्च (मौसम सुहावना रहता है)। मानसून के तुरंत बाद (जुलाई-सितंबर) हरियाली अपने चरम पर होती है।

पहुँच मार्ग

बांकी डैम (Banki Dam) की यात्रा की योजना बनाने के लिए यहां कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरूरी है। यह क्षेत्र शहर से बाहर है और यहां पक्की सड़क बनी हुई है। लेकिन इस क्षेत्र बस ऑटो इत्यादि नियमित रूप से नहीं चलती। आप यहां ऑटो, कार इत्यादि बुक करके या स्वयं के साधन से आ सकते हैं।

अंबिकापुर के आसपास के क्षेत्रों में रहने वालों के लिए यह एक अच्छी जगह है। अगर आप अम्बिकापुर में रहते हैं तो आप बाइक या साइकिल से भी घूमने आ सकते हैं। साइकिलिंग से घूमने का अनुभव और भी बेहतरीन होगा।

क्यों पढ़ें, क्यों घूमें: बांकी डैम

अगर आप अम्बिकापुर या सुरगुजा में रहते हैं, तो बांकी डैम आपके लिए न सिर्फ जल स्रोत है, बल्कि प्राकृतिक शांति का एक ठिकाना भी है।

पर्यटक या ट्रैवल ब्लॉगर्स — आपके लिए यह एक बहुत अच्छा विषय हो सकता है: एक ऐसा जलाशय जो प्रकृति, पानी, समाज — तीनों का संगम है।

जल-संकट, पर्यावरण व स्थानीय विकास की दृष्टि से — बांकी डैम को समझना और उसकी ज़रूरतों पर समाज को जागरूक करना — मायने रखता है।

बांकी डैम के नजदीक अम्बिकापुर के अन्य आकर्षण

बांकी डैम की यात्रा के साथ, आप अंबिकापुर के कुछ अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की यात्रा भी कर सकते हैं:

  • घुनघुट्टा डैम (Ghunghutta Dam): एक अन्य महत्वपूर्ण जलाशय और पिकनिक स्थल।
  • महामाया देवी मंदिर: अंबिकापुर का मुख्य धार्मिक केंद्र
  • ऑक्सीजन पार्क
  • संजय पार्क
  • वाटर पार्क
  • शंकर घाट : पढ़िए –Shankar Ghat, Ambikapur – एक शांत और धार्मिक स्थान

सरगुजा जिले के पर्यटन स्थलों की अधिक जानकारी अथवा अन्य आधिकारिक जानकारी के लिए जिले की आधिकारिक वेबसाइट https://surguja.gov.in/ पर जाएं।

निष्कर्ष: सिर्फ एक डैम नहीं, एक विरासत

बांकी डैम अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र के लिए सिर्फ एक विशाल जलाशय नहीं है; यह उस प्राकृतिक विरासत का प्रतीक है जिसे हमें भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की आवश्यकता है। इसकी शांत सुंदरता, प्रकृति का मनोरम नज़ारा और सबसे बढ़कर, अंबिकापुर शहर को जीवन देने वाली इसकी भूमिका इसे एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण स्थान बनाती है।

​चाहे आप एक प्रकृति प्रेमी हों, एक फोटोग्राफर, या बस शहर के शोरगुल से दूर एक शांतिपूर्ण पिकनिक की तलाश में हों, बांकी डैम (Banki Dam Ambikapur) आपको निराश नहीं करेगा। यदि आप अंबिकापुर घूमने आते हैं तो ‘जीवन-जल’ के दर्शन अवश्य करें और इसके संरक्षण के महत्व को समझें।

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