Ambikapur Special News
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महामहिम राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मू जी का 20 नवम्बर को अम्बिकापुर आगमन

अम्बिकापुर की धरती एक बार पुनः इतिहास रचने जा रही है। आगामी 20 नवंबर को, देश की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी का आगमन हमारे प्रिय अम्बिकापुर शहर में होने जा रहा है। जहाँ वे जनजातीय गौरव दिवस के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगी. इस अवसर पर पीजी कॉलेज ग्राउंड में एक विशाल कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

सरगुजा का ऐतिहासिक पल: 73 साल बाद अंबिकापुर में ‘जनजातीय गौरव’ का पुनर्जागरण!

यह दौरा सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है; यह 73 साल बाद सरगुजा के गौरव, परंपरा और इतिहास को पुनः स्थापित करने वाला एक भावनात्मक और ऐतिहासिक पुनर्जागरण है।

इससे पूर्व सन 1952 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद अम्बिकापुर आए थे। आज 73 साल बाद पुनः हमारे देश की राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मू जी अम्बिकापुर आ रही हैं। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू हमारे देश की प्रथम जनजातीय महिला राष्ट्रपति हैं और उनका अम्बिकापुर आगमन जनजातीय भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे जनजातीय गौरव दिवस के समापन के अवसर पर हो रहा है। उनका आगमन इस विशेष दिवस को एक नई गरिमा प्रदान करेगा। यह पल इस बात का प्रतीक है कि देश की सबसे बड़ी संवैधानिक कुर्सी पर एक ऐसी शख्सियत विराजमान है, जो जनजातीय संस्कृति, संघर्ष और सम्मान का प्रतिनिधित्व करती है।

73 साल पुराना वह गौरवशाली संबंध: अंबिकापुर और ‘ग्रामीण राष्ट्रपति भवन’

राष्ट्रपति के इस दौरे को ‘यूनिक’ बनाने वाली सबसे बड़ी बात है सरगुजा का भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद से गहरा और अटूट नाता।

बहुत कम लोग जानते हैं कि अंबिकापुर से मात्र 15 किलोमीटर दूर पंडोनगर में आज भी देश का एकमात्र ‘ग्रामीण राष्ट्रपति भवन’ मौजूद है।

  • 1952 का ऐतिहासिक दौरा: 22 नवंबर, 1952 को, भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद पंडो जनजाति की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन करने पंडोनगर पहुँचे थे।
  • दत्तक पुत्र की घोषणा: उस ऐतिहासिक दौरे में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने ​पंडो जनजाति के एक बालक बसंत को गोद लेकर उसे नया नाम दिया था, जिससे पंडो समाज को “राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र” होने का गौरव मिला। प्रेम और सम्मान की निशानी के तौर पर ही पंडोनगर में एक स्मारक भवन बनाया गया, जिसे ‘ग्रामीण राष्ट्रपति भवन’ कहा जाता है।
  • इतिहास दोहराया जा रहा है: अब 73 साल बाद, जब देश की प्रथम जनजातीय महिला राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मु, इसी ऐतिहासिक धरती पर आ रही हैं, तो यह दौरा केवल ‘जनजातीय गौरव’ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरगुजा और राष्ट्रपति भवन के बीच के भावनात्मक संबंध को फिर से जीवंत कर रहा है।

यह पल अंबिकापुर को राष्ट्रीय मानचित्र पर एक बार फिर चमकने का मौका देगा!

अंबिकापुर क्यों है विशेष? एक ‘स्वच्छ’ और ‘सांस्कृतिक’ संगम

अंबिकापुर, जिसे अपनी सफाई के लिए राष्ट्रीय पहचान मिली है, अब सांस्कृतिक महत्व के केंद्र के रूप में उभर रहा है।

  • सुरक्षा और व्यवस्था: राष्ट्रपति के आगमन के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है। चप्पे चप्पे पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
  • स्थानीय अर्थव्यवस्था को बूस्ट: इस तरह के हाई-प्रोफाइल दौरे से न केवल शहर की आधारभूत संरचना (जैसे सड़कों का सौंदर्यीकरण) में सुधार होता है, बल्कि यह स्थानीय कलाकारों, व्यापारियों और पर्यटन को भी अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा देता है।
  • जनजातीय सशक्तिकरण का संदेश: महामहिम द्रौपदी मुर्मु का अम्बिकापुर आगमन सरगुजा के जनजातीय समुदाय के लिए एक शक्तिशाली प्रेरक सन्देश है। इस बात का प्रतीक है कि देश की सबसे बड़ी संवैधानिक कुर्सी पर एक ऐसी शख्सियत विराजमान है, जो जनजातीय संस्कृति, संघर्ष और सम्मान का प्रतिनिधित्व करती है।
  • महामहिम का यह दौरा सम्पूर्ण सरगुजा अंचल को गौरवान्वित करेगा।

विशेष घोषणा:

यह भी खबर है कि राष्ट्रपति जी यहां छत्तीसगढ़ शासन की दो नई योजनाओं मुख्यमंत्री अखरा विकास योजना और मुख्यमंत्री वैद्यराज सम्मान निधि योजना का भी शुभारंभ कर सकती हैं, जो क्षेत्र के विकास को एक नई गति देगा।

जनजातीय गौरव दिवस का भव्य समापन

राष्ट्रपति जी का यह दौरा मुख्य रूप से जनजातीय गौरव दिवस के राज्य-स्तरीय समापन कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए प्रस्तावित है। पी.जी. कॉलेज ग्राउंड में आयोजित होने वाले इस विशाल कार्यक्रम में प्रदेशभर से आदिवासी समुदाय के लोग एकत्रित होंगे।

स्थानीय लोगों के लिए मायने

यह दौरा केवल औपचारिक नहीं है, बल्कि हमारे स्थानीय निवासियों के लिए कई मायने रखता है:

  • राष्ट्रीय पहचान: यह अम्बिकापुर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पटल पर एक विशेष पहचान दिलाएगा।
  • सांस्कृतिक प्रोत्साहन: जनजातीय कला, संस्कृति और परंपराओं को देश के सर्वोच्च पद से सम्मान मिलेगा।
  • विकास की उम्मीदें: राष्ट्रपति के आगमन से क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं को गति मिलने की आशा है।

समूचा अम्बिकापुर शहर, जिला प्रशासन के साथ मिलकर, इस ऐतिहासिक पल के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है। सड़कें, कार्यक्रम स्थल और शहर का हर कोना दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। myambikapur.com की ओर से हम महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी का सरगुजा की धरती पर सहृदय स्वागत करते हैं और इस ऐतिहासिक दिन की सफलता की कामना करते हैं।

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